प्याज हुई महंगी

 


1.एक प्याज मांगने वाली डायन की अफवाह उड़ी थी
2.फिर मेहंदी के थापे घरों पर लगाने वाली चुड़ैल की अफवाह उड़ाई गयी
3.फिर रात में बच्चे के या औरत के रोने की आवाज की अफवाह उड़ी
4.फिर मंकी मेन आया
5.दिल्ली में हेलमेट वाला मंकी मेन आया था,अखबारों में फ़ोटो भी छापी गयी थी,कई लोग घायल भी हुए थे,जिनका इलाज भी चला था प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई थी
6.और इस बार बच्चा चोर


असली सच्चाई को सामने लाने की बजाय पुलिस और प्रशासन बोलने वालों को ही जेल भेजने की धमकी देकर या जेल भेजकर चुप करवा देते है,जबकि होना ये चाहिए कि-कुछ असामाजिक तत्व जो उपरोक्त घटनाओं को अंजाम देते है उन्हें पब्लिक के सामने लाकर सजा देनी चाहिए, मुझे आज तक मंकी मेन की स्टोरी पता नही चली, लेकिन से वाकिफ़ हूं, कि-मंकी मेन आखिर कौन हो सकते थे बस ठोस सबूत नही है मेरे पास,ऐसे ही अब चल रहा हैं, जो भी पकड़ा जा रहा है सभी की मानशिक रूप से कमजोर और बीमार बताकर छोड़ दिया जाता हैं,जबकि मेने गाजियाबाद में एक बड़ी मीटिंग में ये सवाल उठाया था,कि-सभी पुलिस और NGO और सम्बंधित अधिकारियों को चाहिए कि-वो अपने अपने क्षेत्र से,जितने भी पागल,मानशिक रोगी है जो आवारा खुले घूमते रहते है,को पकड़कर उन्हें उनके सही जगह शेल्टर होम में भिजवा देना चाहिए।और उस वक़्त अधिकतर सभी लोगो ने जो मीटिंग में मौजूद थे मेरा समर्थन भी किया था तालिया बजाकर,लेकिन ये बाते अमल में नही लायी गयी,और अब शायद ये घटनाएं उसी लापरवाही का परिणाम है, ये मानशिक रोगी,आवारा पागल किसी का कोई फायदा नही कर सकते सिवाय नुकसान पहुचाने के,ना ये अर्थव्यवस्था को सुधार सकते है,ना ही रोजगार करते है,छोटे बच्चों के स्कूलों के पास सार्वजनिक जगहों पर घूमते रहते है बे-रोक-टोक,इनका यू बे- रोक-टोक सार्वजनिक जगहों पर ,कालोनियों बस्तियों में घूमना आम जनता के लिए परेशानी बनती है,कभी ये सड़क पर नंगे खड़े हो जाते है, जिससे हमारी बहन बेटी बच्चो की मानशिकता पर गहरा आघात पहुँचता है,कभी महिलाओं बच्चो बच्चियों के पीछे चलने और दौड़ने लगते है,इस कारण वो घर से बाहर अकेले निकलने में डरती है,अब मैंने इसकी शिकायत मौखिक तौर पर पुलिस प्रसाशन से की भी थी,तब उनका जबाब सन्तुष्टि पूर्ण नही मिला,उल्टा मुझे ही ऐसे समझाने लगे जैसे मैं दूध पीता बच्चा हूं, और कुछ समझता ही नही हूँ, MSW कर रहा हूं मैं,तमाम शील्ड, मैडल,राज्यपाल पुरस्कार, DM, ADM, SSP साहब से सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुका हूँ,20 सालों से समाज सेवा में हूँ,2010 में सामुदायिक पुलिस मास्टर ट्रेनर बन चुका हूं गृह मंत्रालय से,NDRF पुलिस ट्रेनिंग कर चुका है,डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स कर चुका हूं, मोटिवेशनल स्पीच देता हूँ, चाइल्ड लाइन 1098 में टीम मेंबर और काउंसलर हूँ, रोज सुबह अनाथ बच्चों को स्काउट गाइड पढ़ाता हू, शाम को ट्यूशन देता हूं,पिछले 3 महीनों में तकरीबन 20-22 खोए-और बिछड़े हुए लावारिस हालत में मिले बच्चो को उनका घर ट्रेस करके घर पहुँचा चुका है,और अब CWC चाइल्ड वेलफेयर कमेटी मजिस्ट्रेट की तैयारी कर रहा हूं, और मेरी बातों को तब्बजो देने की बजाय हल्के में लेते है या मुझे ही धमकियां मिलती है,अपनी कमी नही ढूढ़ते की किस तरह अपराध को रोका जाए, अपनी कमी नही ढूंढते की इन पागलो को पागल आप या हम साबित नही कर सकते बल्कि सरकारी डॉक्टर की कमेटी बैठकर डिसीजन ले सकती है,उन्हें मानसिक रोगी ,पागल बताकर खुल्ला छोड़ देते है,नए क्राइम को जन्म देने के लिए,मैं बता रहा हूँ, इस तरह क्राइम खत्म नही हो सकता अपना जनपद,प्रदेश,और देश साफ करना है तो, इस तरह के पागल,मानशिक रोगियों पर कार्यवाही कर पागलखाने,या अच्छे शेल्टर में रखवाया जाना चाहिए जहां इनका इलाज हो सके,कोई कोई तो ठीक हो भी जाता है,और अपराध भी रुक जाएगा
नोट:-आपकी नज़रों में ये लोग पागल हो सकते है लेकिन हिजड़े भी हो सकते है इसकी पुष्टि कैसे करोगे,कड़वी सच्चाई है ये भूख लगेगी तो बिना नोकरी और पेसो के बिना,कैसे पैसे कमाएंगे क्योकि खाना रोजाना चाहिए, और जब हवस की आग लगेगी तो रेप और बलात्कार जैसे संगीन जुर्म अपराध भी बढ़ेंगे,मेरी बातें बुरी लगे तो मेरे पीछे पड़ने की बजाए,इन लोगो पर ध्यान देना शायद कुछ अपराध कम हो सके,
जय हिंद सत्यमेव जयते,मेरा भारत महान🇮🇳🇮🇳