वर्तमान अंकुर के आँगन में हर्षोल्लास के साथ भावांजलि उत्सव में सम्पन्न हुआ पुस्तक विमोचन
कल दिनांक 15 दिसंबर 19, का दिन एक यादगार दिन रहा l नए-पुराने रचनाकारों का जमावाड़ा देखने लायक था l हर किसी के चहरे की ख़ुशी देखते ही बनती थी और ऐसा मालूम होता था जैसे उसके घर के आँगन में कोई उत्सव हो l वर्तमान अंकुर के मुख्य संपादक आदरणीय श्री निर्मेश त्यागी जी ने स्वयं मुख्य द्वार पर सभी अतिथियों का स्वागत-सत्कार किया l कुमार संजय “शैदा” और प्रेमी जी जैसे मुख्य अतिथि और आदरणीय चन्द्र कोहली जी और आदरणीया आरती प्रियदर्शनी जी एवं सरिता सिंह “नेपाली” जी जैसे मंचासीनों ने हर नए-पुराने रचनाकारों को जमकर प्रोत्साहित किया, उनकी विशेष टिप्पणियों को सुनकर सभी रचनाकार बहुत प्रोत्साहित हुए l कविराज रोहित मिश्रा और यादवेन्दर आर्य 'याद' के कुशल मंच संचालन में लगभग 50 नए-पुराने कवियों ने काव्य-पाठ किया l सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात थी कि उन लोगों का ध्यान रखते हुए जो लोग आयोजन में नहीं पहुँच सके थे उसके लिए स्वयं आदरणीया सुनीता सोनू जी एवं आदरणीय उत्तम जी ने पूरा समय मोबाइल द्वारा उनके घर बैठकर आनंद लेने के लिए कुशलता पूर्वक संचालन किया और किसी प्रकार का अवरोध नहीं आने दिया जो कि प्रशंसनीय हैं l
गुरमीत सिंह मीत मरजाना,विजय लक्ष्मी राय, संगीता कासिरेड्डी, मनीष जैन”मौजी”, सैय्यद बाबर,जे.पी.सिंह, अनीता तोमर, मनोज शाह, रश्मि अरोड़ा,पुष्पेन्द्र जी, राज शर्मा जी, राम भगत नेगी, इला जायसवाल, सुनीता पुनिया डॉ.रामकुमार झा सहित कई लोगों ने अपने काव्य पाठ एवं कहानी पाठ से दर्शकों को तालियाँ बजाने के लिए मजबूर कर दिया l
सुनीता सोनू, एस.के.सूद,ऐश्वर्य सिन्हा, डॉ.रामकुमार झा,राज शर्मा, राम भगत नेगी,माधव झा, इला जायसवाल आदि कई रचनाकारों के एकल संग्रह का विमोचन बड़ी धूमधाम से हुआ l
भावांजलि नाम से हुए इस कार्यक्रम में भावांजलि, कथादीप एवं स्वरांजलि आदि साझा संग्रह का विमोचन भी इस आयोजन का खास आकर्षण रहा l कार्यक्रम के अंत में सभी को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित भी किया गया l
सुबह 9 बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम को समापन शाम 6 बजे किया गया l दोपहर में सभी अतिथिगणों एवं उनके साथ आए उनके स्वजनों के लिए स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था भी की गयी थी l
भावांजलि चतुर्थ का आयोजन संपन्न