नारी के नारायणी होने की गाथा के गीत गायेगा सांझा-संग्रह - नारी नारायणी
किताब का नाम : नारी नारायणी
पुस्तक सामाग्री : साहित्य
रचनाकार : आप और हम
संपादक : श्री निर्मेश त्यागी
प्रकाशक : वर्तमान अंकुर
अवलोकन :राजेश मेहरोत्रा ‘राज़’
यदि आज आप अपने आस-पास के चार लोगो से आप नारी के विषय में बात करें तो आपको आश्चर्य होगा कि उन चारों की राय नारी को लेकर अलग-अलग होगी l किसी की नज़र में नारी आभारी होगी और किसी की नज़र में नारी सब पर भारी, किसी की नज़र में ममता की मूरत और किसी की नज़र दोहरी मानसिकता की स्वामिनी l अब विचार देने वाले यह चारो लोग भले ही इनमें सब स्त्रियाँ हो या पुरुष या फिर स्त्री और पुरुष दोनों उन सभी का मत लगभग इसीतरह का होता है lकिन्तु यदि आप किसी के सामने कह दे की “नारी नारायणी” है; तो बिना किसी तर्क-वितर्क के सभी का मत एक ही होगा जी हाँ “नारी नारायणी” है l इसी को विषय बनाकर 8 मार्च महिला दिवस के शुभ अवसर पर प्रकाशक ‘वर्तमान अंकुर’ ला रहा है अपना नया सांझा संग्रह “नारी नारायणी” l
‘वर्तमान अंकुर’ आज किसी परिचय का मोहताज़ नहीं रहा l ना जाने कितने एक से बढ़कर एक ग़ज़ल,कहानी,लघुकथा,काव्य,आदि के एकल और साँझा संग्रह वो अपने पाठको के लिए लेकर आता रहता है l कितने ही लेखक की किताबे इसके प्रकाशन में प्रकाशित हुई और आज वो एक प्रतिष्ठित नाम बन चुके है l ना सिर्फ पुराने बल्कि नए लेखको की भी किताबे यहाँ प्रकाशित होती रहती है l इसके खुद के समाचार पत्र “दैनिक वर्तमान अंकुर” में प्रकाशित होकर ना जाने कितने नए रचनाकारों को मंच मिला; और आज वो स्थापित रचनाकार बन चुके है l इस समाचार पत्र में ना सिर्फ पुराने बल्कि नए रचनाकारों को भी बिना किसी भेदभाव के मौका देकर प्रकाशित करके उन्हें नए-नए सुअवसर प्रदान करता है l इसी श्रंखला में नयी कड़ी जुड़ रही है “नारी नारायणी” l इसकी सबसे अनूठी बात यह है की महिला दिवस पर अनावरण होने वाली इस पुस्तक में ना सिर्फ महिला रचनाकार बल्कि पुरुष रचनाकार भी उनके साथ खड़े है जो इस बात की तरफ इशारा है की आज महिलायें अकेली नहीं है बल्कि पुरुष हर कदम पर उनका साथ देने के लिए तैयार खड़े हैं और वो भी बिना किसी भेदभाव के l लिंग भेदभाव का पुरजोर विरोध करती हैं यह पुस्तक l क्योंकि इसमें सिर्फ महिलायें ही नहीं बल्कि पुरुषों ने भी महिलाओं के लिए बढ़-चढ़ कर लिखा है l
“नारी नारायणी” से जुड़े कुछ रचनाकारो के नाम इस प्रकार है- सुश्री सुनीता सोनू, कुसुम पन्त,रुचि गोपाल रूचिर,एकता उपाध्याय,प्रवीण चतुर्वेदी,सरिता सिंह,चंद्रस्वरूप बिसरिया,राम भगत नेगी, मनीष जैन मौजी, शेरसिंह सर्राफ,शिखा लाहिरी,संजय भरद्वाज,संगीता के रेडी,शिव सन्याल,संजय बरनवाल,चंचल पाहुजा,गोविन्द पांडे, प्रमोद कुमार हर्ष,नीरजा मेहता,डाॅ राम कुमार झा निकुंज, डाॅ भारती वर्मा बोडाई,
सवि शर्मा,डाॅ सरला सिंह सिन्गधा,सरोज पवन,ऐश्वर्या सिन्हा,वंदना सोलंकी,स्नेहलता द्विवेदी,भावना ठाकर,पूर्णिमा शाह, एकता कोचर, सुनीता पुनिया वर्षा,जे.पी.सिंह,विजय लक्ष्मी राय,गुरमीत सिंह “मीत मरजाना”, इलाश्री आदि वो नाम हैं जो बेहतरीन लिखने वालो में अपना नाम पहले से दर्ज करा चुके है l इनमें से कितने रचनाकार ऐसे है जिनके खुद के एकल संग्रह आ चुके है; किन्तु जब उन्होंने इस अनूठे सांझा संग्रह की बात सुनी तो खुद को रोक नहीं सके और आप यकीन नहीं मानेगें कि आज ‘वर्तमान अंकुर’ एक ऐसा स्थापित नाम बन चुका है कि अधिक से अधिक रचनाकार उनके सांझा संग्रह में जुड़ना चाहते है क्योंकि वो जानते हैं ‘वर्तमान अंकुर’ अपने पाठको के लिए बेहतरीन साहित्य लाता है; फिर भले ही उसमें रचनाकार नए हो किन्तु भाव और भाषा ऐसी होगी जो पाठक को अपने लेखन में बाँधने में सफल हो जाती है l ‘नारी नारायणी’ मात्र एक साँझा संग्रह ही नहीं है अपितु नारी के नारायणी बनने की गाथा को भी बताएगी l नारी से सम्बंधित बहुत कुछ ऐसा होगा इस पुस्तक में जो आज तक पाठको ने नहीं पढ़ा होगा l नारी के हर रूप का वर्णन,नारी के आभारी ही नहीं बल्कि सब पर भारी होने की भी गाथा होगी इसमें l कुल मिलाकर पाठको के हाथ में 8 मार्च ‘महिला दिवस’ पर एक ऐसी किताब आने वाली है जिसमें उसको नारी के विभिन्न रूपों के दर्शन होंगे वो भी साहित्य के माध्यम से l
अंत में मैं “नारी नारायणी” सांझा संग्रह के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ ;और उम्मीद करता हूँ यह आज की नारी के विभिन्न रूपों का संग्रह होगा जिसे नारी ही नहीं पुरुषों ने भी लिखा है;पुरुष रचनाकारों ने इस संग्रह में जुड़कर बता दिया हैं की नारी आज अकेली नहीं है पुरुष, नारी के हर कदम पर उसके साथ ही खड़ा है l मुझे ऐसी उम्मीद है यह साँझा-संग्रह “नारी नारायणी” सफ़लता की नयी कहानी लिखेगा और पाठको के मन-मस्तिष्क पर काफी समय अपनी छाप बनाकर रखेगा lमुझे ख़ुशी है कि वर्तामान अंकुर के खजाने में साहित्य का एक नगीना और शामिल होने जा रहा है जिसका नाम है “नारी नारायणी” l
- राजेश मेहरोत्रा " राज़ "