बहुत ही मुश्किल है मगर घरवास निभाना तो होगा

 

निमेरश त्यागी



चौपाल पर आज बड़ा ही गमगीन माहौल दिखाई पड़ रहा था क्योंकि आज ताऊ भी चुप्पी साधे हुए थे। हमारे प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा देश के नाम संबोधन में 21 दिन तक लॉक डाउन करने की घोषणा कर दी। काफी प्रयासों के बाद ताऊ ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा प्रधानमंत्री जी ने कहा तो सही है मगर करना आसान नहीं है क्योंकि 21 दिन तक घर में ही बंद रहना कोई सजा से कम नहीं है। ताऊ ने कहा कि जब स्वयं के साथ साथ पूरे देश के जीवन रक्षा की बात तो सजा भी मजे में तब्दील हो जाती है।
चौपाल में मौजूद अभिषेक ने सवाल उठाया कि माना यह सब हमारे देश के लिए हैं क्योंकि कोरोना को हराना है मगर सरकार की भी जिम्मेदारियां बनती है कि आवश्यक वस्तुएं एवं सुविधाएं समय पर सभी को उपलब्ध कराई जाए। क्या आप सभी को लगता है की आवश्यक वस्तुएं एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने में सरकार पूरी तरह सफल रह पाएगी क्योंकि स्वयं प्रधानमंत्री जी ने कहा कि भारत की जनसंख्या इस समय 135 करोड़ है। अभिषेक ने कहा आज भी आधे से ज्यादा जनसंख्या रोज कामना और खाना के हालत पर जीवन यापन करती है तो ऐसे में 21 दिन तक घर से बाहर बगैर निकले कैसे पाला जा सकता है अपने परिवार को, यह जिम्मेदारी परिवार के मुखिया पर होती है। हां उत्तर प्रदेश सरकार में श्रमिकों को उनके खाते में अंशदान के रूप में ₹1000 भेजने की शुरुआत की है मगर वह ₹1000 पाने के लिए श्रमिक को आखिर बैंक तक तो जाना ही पड़ेगा। वही सवाल उठता है की क्या ₹1000 में परिवार का भरण पोषण किया जा सकता है। 

चौपाल पर 21 दिन के लॉक डाउन कर ले कर वहां पर मौजूद सभी चिंतन कर रहे थे और समस्या और समाधान का रास्ता खोजने का प्रयास भी। कोरोना बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए यह एक सबसे सफल और कारगर जरिया है ताकि क्रम को तोड़ा जा सके। हम सभी हिंदुस्तानी अपने प्रधानमंत्री के साथ हैं और किसी भी समस्या को झेलते हुए पूरा करेंगे चौपाल पर बैठे सभी ने शपथ ली और अपने अपने घर के लिए निकल गए।