कोरोना के खतरे से ग्राम पंचायतों को बचाने के लिए प्रमुख सचिव ने झोंकी पूरी ताकत : मनोज कुमार सिंह 
  विशेष संवाददाता                             



लखनऊ, अंकुर न्यूज़ नेटवर्क। उत्तर प्रदेश की ग्राम पंचायतों को नोबेल कोरोना कोविड 19 के खतरे से बचाने के लिए ग्राम्य विकास व पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव  मनोज कुमार सिंह ने पूरी ताकत झोंक दी है। उनकी कोशिश है कि ग्राम पंचायतों तक यह खतरा न पहुंचने पाए। यदि खतरा पहुंच भी जाये तो उसका सामना करने के लिए हर तरह से ग्रामीण और पंचायतें सक्षम रहें। अब तक उनकी पूरी कोशिश रही है कि ग्राम पंचायतों में किसी तरह का पैनिक न होने पाए और लोगों को बचने के लिए क्या करना है इसकी सही जानकारी मिल जाये। पंचायत राज विभाग के अधिकारियों से लेकर स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की जिलों में तैनात टीमों से सीधा संवाद भी स्थापित करना शुरू कर दिया है। सही जानकारी के लिए जिला समन्वयकों से ग्रुप में प्रतिदिन की रिपोर्ट लेना शुरू कर दिया है।                            

कोरोना का खतरा पूरी दुनिया, पूरे देश और पूरे उत्तर प्रदेश में है। उत्तर प्रदेश सरकार विभिन्न विभागों के माध्यम से कोशश कर रही है कि इससे लोगों का प्रभावी बचाव किया जा सके। पंचायतों के पास संशाधन कम हैं, लोगों में जागरूकता भी कम है, महानगरों की तरह उनके पास मेडिकल सुविधाएं सुलभ नही है। इन स्थितियों के बीच भी प्रतिबद्धता के साथ प्रमुख सचिव ने ग्रामीणों को बचाने की सार्थक और कारगर पहल शुरू की है। कोरोना से ग्रामीणों को बचाने के वे जानते हैं कि इलाज से अधिक जरूरत सावधानी, संयम और  धैर्य की है। ग्रामीणों को प्रमुख सचिव अपनी टीम के साथ इसके लिए मानसिक रूप से तैयार करने में जुटे हैं। सबसे अधिक जोर उनका लॉक डॉउन पर है। वे चाहते हैं कि हर ग्रामीण लॉक डॉउन का पालन स्वेक्षा से अपनी और अपने परिवार की पहली जरूरत समझते हुए करें। अमूमन ग्राम पंचायतों तक सरकारी आदेश पहुंचने में समय बहुत अधिक लगता था और आदेश अधिकतर औपचारिकता बनकर रह जाते रहे हैं। प्रमुख सचिव ने इस स्थिति को तोड़ दिया है। ग्राम पंचायतों में तुरंत शासन  के आये आदेश पहुंच रहे हैं और उस पर काम हो रहा है।                         

लॉक डॉउन से पहले ही उन्होंने ग्राम पंचायतों में कोरोना से बचाव के लिए क्या करना है और क्या नही करना है इसका प्रचार प्रसार बड़े पैमाने पर कर दिया है। छोटी से छोटी ग्राम पंचायतों में भी कम से कम दो और अधिक से अधिक 6 बैनर होर्डिंग तक  लगवा दिए हैं। बड़ी पंचायतों में इससे अधिक जरूरत के मुताविक लगाए गए हैं। ग्राम पंचायतों में अलाउंसमेन्ट सिस्टम का भी प्रभावी इस्तेमाल प्रमुख सचिव ने कराया है। ग्राम पंचायतों में सफाई, फॉगिंग और नगरों की तर्ज पर सनेटाइज का काम किया जा रहा है। इस काम मे प्रमुख सचिव ने निचले स्तर का कर्मचारियों की सुरक्षा का प्रमुखता से ध्यान रखा है। उनको मास्क और सेनेटाइजर उपलब्ध कराया है। उनकी कोशिश है कि काम करने वाले स्वस्थ और सुरक्षित रहें, अन्य को भी सुरक्षित करने के लिए काम करते रहें।

 

प्रमुख सचिव का मानना है कि सामाजिक दूरी से ही कोरोना को शिकस्त दी जाती सकती है। स्वच्छ भारत मिशन की टीम से उन्होंने इसको ग्राम प्रधानों और ग्रामीणों तक पहुंचाया। एक दूसरे से एक मीटर दूर रह कर बात करने, हर दो घण्टे पर साबुन से हाथ धोने, कोरोना के लक्षण  दिखाई देने पर डॉक्टर या स्थानीय प्राथमिक या सामुदायिक केंद्र पर दिखाने के लिए ग्रामीणों को काफी सीमा तक जागरूक कर दिया है।