तालाबंदी है तो शराब बंदी क्यों नहीं

"तालाबंदी है तो शराबबंदी क्यों नहीं"


        निर्मेश त्यागी


देश के प्रधानमंत्री ने जब देश की जनता से अनुरोध करते हुए कहा कि कोरोना की वजह से देश को लाॅक डाउन की आवश्यकता है। देशवासियों को बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ा मगर किसी ने उफ तक नहीं की और कर भी कैसे सकता था क्योंकि सरकार का अनुरोध भी आदेश होता है। ताऊ आज चौपाल पर बैठकर युवाओं को कुछ सीख देने का प्रयास कर रहे थे मगर युवाओं के सवाल बहुत हैं और ताऊ जवाब देने का प्रयास कर रहे थे। 


चौपाल पर आज रौनक लगी थी क्योंकि सरकार ने लॉक डाउन के 2 सीजन सफलतापूर्वक पूरे कर लिए थे और सरकार के आदेशानुसार तीसरे सीजन के लॉक डाउन में आगे बढ़ रहे हैं। मगर बहुत ही अफसोस की बात है आज सभी दुकाने बंद है राशन, दवाई और मिल्क  की दुकानों को छोड़कर। सभी सरकार के आदेशों का पालन भी कर रहे हैं चाहे किसी के समक्ष कितनी ही बड़ी मजबूरी क्यों न हो। 


सरकार तो सरकार ही होती है अब सरकार ने मुख्यमंत्रियों के निवेदन पर शराब की दुकानें खोल दी क्यों। मुख्यमंत्रियों के समक्ष ऐसी क्या मजबूरी है और सरकार आखिर मुख्यमंत्रियों के दबाव में क्यों आई। चौपाल पर बैठे युवाओं ने सरकार की तालाबंदी पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि जब शराब की दुकानें खुल सकती हैं तो फिर पूरी तालाबंदी खत्म करने में सरकार क्यों हिचक रही है। सरकार ने तालाबंदी कर जितना देश की जनता को बचाया है यह शराबबंदी खत्म कर पूरे प्रयासों पर पानी फेर दिया है। चौपाल पर बैठे नवयुवक विभोर ने कहा शराब की दुकान है खुलने पर क्या सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन संभव है और अगर संभव नहीं है तो निश्चित ही कोरोना को फैलने से कोई रोक सकता है क्या। सरकार के आदेश पर पूरे देश में 2 माह जो तालाबंदी में काटे हैं इन शराब की दुकानों को खोलने से सब पर पानी फिर जाएगा और कोरोना को खेलते हुए हम सभी अपनी आंखों से देखेंगे और सभी की 2 माह की तपस्या का फल मिलने से पूर्व भी सभी की तपस्या जबरन टूट गई।


चौपाल पर मौजूद विकास ने कहा की सरकार की ऐसी क्या मजबूरी थी कि पूरा लॉक डाउन समाप्त होने का भी इंतजार सरकार नहीं कर पाई। पिछले 48 घंटे में मरीजों की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ी है और यह संख्या में इजाफा आने वाले समय में बहुत ही तेजी से होगा। इसकी व्यवस्था सरकार ने स्वयं ही कर दी है शराब की दुकानें खोलकर। शराब की दुकानें खोलने से सरकार को राजस्व तो अवश्य प्राप्त होगा मगर अब सरकार की मंशा पर शक होने लगा है क्योंकि जहां देश के प्रधानमंत्री ने लॉक डाउन करते समय कहा कि हमें देश की जनता प्यारी है इसीलिए सब घर में रहे और सुरक्षित रहें अब क्या हो गया क्या पूरा देश सुरक्षित है क्या कोराना का खतरा समाप्त हो गया है। देश की जनता ने प्रधानमंत्री को पूरा भरोसा जताया उन्होंने कहा 1 दिन घर में बंद रहे तो सभी ने उनका अभिनंदन किया। इसके बाद फिर उन्होंने 24 दिन का लॉक डाउन लगाया उसे भी जनता ने हंस कर स्वीकार किया। दूसरा लॉक डाउन 21 दिन का घोषित किया वह भी सहर्ष अभिनंदन के साथ स्वीकार किया। हमारे देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने तीसरी बार जनता को संबोधित करना बेहतर नहीं समझा और तीसरे लॉक डाउन का नोटिफिकेशन जारी करा दिया। जिसमें छोटी दुकानें राशन वाली और दूध के साथ साथ शराब पीने का न्योता सभी को दे दिया और जिसके परिणाम स्वरूप 1 दिन में लगभग सैकड़ों करोड़ की शराब बिकी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने तो शराब की बिक्री पर 70% टैक्स एमआरपी पर लगा दिया मगर इसके बाद भी शराब की बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा।


चौपाल पर बैठे ताऊ बोले अब सरकार क्या करे जब पीने वाले इस हद तक उतावले की पहले ही दिन पूरे महीने का कोटा खरीद कर घर में स्टोर कर लिया। घर का राशन अगर स्टोर करने की बात होती है तो शराबी पहले शराब और फिर राशन की दुकान पर लाइन में लगता है। ताऊ ने अफसोस जताते हुए कहा अब लगता है कि अब कोरोना से देश की जनता को शायद भगवान ही बचा सकता है क्योंकि सरकार तो अब राजस्व की चिंता में है।